तुम ऐसे तो नहीं थे जैसे अब हो गए हो |
तुम ऐसे तो नहीं थे जैसे अब हो गए हो | बदलाव समझ में आता है पर तुम तो पूरे ही बदल गए हो |
बात करने का तरीका बदल दिया | बात ना करने का तरीका ढूंढ लिया |
अब अगर कह दूं तुम से तुम बहुत अलग तरीके से पेश आ रहे हो | तो उस बात की भी सफाई देने लगा दोगे |
फिर मेरी कमियों की लिस्ट निकाल लोगे |फिर खुद की हरकत को परे हटा कर मुझे ही दोषी करार दोगे |
थोड़े बहुत बदलाव सब में आते हैं समझ आता है | पर वक्त के चलते कोई क्या इतना बदल जाता है |
कि तुमने और एक अजनबी में कोई फर्क न राहा | कुछ भी बोल दो अब तो तुमसे बोलने में भी डर लगता है |
याद आती है जब मतलब हो मतलब हो तुम्हारा | ऐसे तो नहीं थे कभी |
ऐसा हो सकता है | तुम इतने बदल सकते हो ऐसे तो नही सोचा था कभी |
इसलिए बात करने की कोशिश करता रहता हु | तुम्हारी तरफ से कोशिश ना चल रही है |
तुम छोड़ देते हो बात करना तो बातें बिल्कुल खत्म हो रही है | कभी ऐसा रिश्ता था कि बात रूकती नहीं थी |
ऐसा भी बात हो जाता है | नये रिश्तो में घुल्ने के बाद पुराने रिश्ते खो जाते हैं यह बात सुनी थी |
आज देख भी ली है |
0 Comments