कभी-कभी लगता है |


कभी-कभी लगता है | 

जैसे मुझ में ही कोई कमी है|

जो भी मेरे पास आ ता है |

वह ठहरता ही नहीं है |

 लोग मिलते हैं मुझसे बातें भी हजार करते हैं |

फिर अचानक ही पता नहीं क्या हो जाता है |

वह मेरी हर बात नजरअंदाज करते हैं |

इतना बुरा हूं क्या मैं जो मेरे साथ कोई टिक ही नहीं पाता है |

सब आदत बना कर चले जाते हैं |

मैंने क्या गलत किया मुझे समझ में नहीं आता |

जिससे बात कर के चेहरे पर मुस्कान आती थी उसने भी बात करना छोड़ दिया है |

 मैं हमेशा जाता हूं रिश्ते निभाने  मगर लोग ही मुझे छोडे देते है |

मुझे यह भी नहीं पता मैंने किया क्या है | अब तो डर रहता है |

किसी इंसान से मिलने पर, वो भी  शायद एक दिन मुझसे दूर चला जाएगा |

पता नहीं कोण हमेशा के लिए मेरे जिंदगी में आएगा |